खट्टर… चन्नी… शेट्टार… संसद में दिखाई देंगे कई पूर्व CM, इन तीन को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

05/06/2024 10:34 PM Total Views: 6824

रायबरेली से ब्यूरो चीफ,अर्जुन मिश्रा की रिपोर्ट

कर्नाटक की स्थानीय राजनीति को देखते हुए बोम्मई भी मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अहम भूमिका पाने के दावेदार हैं। वैसे लोकसभा चुनाव के महासमर में उतरे कई पूर्व मुख्यमंत्री पास नहीं हो सके। जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस चुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा है उनमें झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।हाल में राज्यों में अपनी पार्टी की कमान संभालने वाले कई मुख्यमंत्री 18वीं लोकसभा में नजर आएंगे। इनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के सीएम रहे मनोहर लाल, पंजाब में कांग्रेस सरकार के मुखिया रहे चरणजीत सिंह चन्नी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देव और कर्नाटक से बासवराज बोम्मई शामिल है।

शेट्टार और कुमारस्वामी भी हुए पास

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कर्नाटक से तो बोम्मई के आलाव दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों ने भी लोकसभा चुनाव की परीक्षा पास की है। इनमें भाजपा से जगदीश शेट्टार तथा जनता दल एस के एचडी कुमारस्वामी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में पिछले साल ही मुख्यमंत्री की कुर्सी से अपदस्थ किए गए भूपेश बघेल इतने भाग्यशाली नहीं रहे, जिन्हें लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव में पराजय का मुंह देखना पड़ा।

इनको मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में सपा के कायाकल्प का बड़ा काम कर दिखाया और वह खुद भी कन्नौज से जीत हासिल करने में सफल रहे। वह भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। माना जा रहा है कि मनोहर लाल, शिवराज चौहान और बोम्मई को अगली सरकार में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है, खासकर शिवराज और मनोहर लाल अपने लिए महत्वपूर्ण मंत्रालय की उम्मीद कर सकते हैं।

 

एमपी में भाजपा की क्लीन स्वीप

शिवराज को मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की क्लीन स्वीप जैसी जीत के बाद भी जब सीएम नहीं बनाया गया था, तभी से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें पीएम मोदी कोई बड़ी जिम्मेदारी देना चाहते हैं। शिवराज के निर्वाचन क्षेत्र विदिशा में चुनाव प्रचार करते हुए प्रधानमंत्री ने एलान किया था कि वह शिवराज को अपने साथ दिल्ली ले जा रहे हैं।इसी तरह मनोहर लाल का अपने प्रशासनिक अनुभव के साथ ही दावा इसलिए मजबूत है, क्योंकि हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। हरियाणा में भाजपा को इस चुनाव में कांग्रेस की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन मनोहर लाल ने करनाल में अपने प्रतिद्वंदी पर आरामदायक जीत हासिल की।कर्नाटक की स्थानीय राजनीति को देखते हुए बोम्मई भी मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अहम भूमिका पाने के दावेदार हैं। वैसे लोकसभा चुनाव के महासमर में उतरे कई पूर्व मुख्यमंत्री पास नहीं हो सके। जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस चुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा है, उनमें झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह, जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।

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